प्रदेश के डिग्री कालेजों को दिव्यांगों की अनदेखी भारी पड़ेगी। दिव्यांगजनों
की सहूलियत के अनुरूप सुविधा मुहैया न कराने वाले डिग्री कालेजों पर उच्च शिक्षा
निदेशालय की पैनी नजर है। ऐसे कालेजों की रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजी जाएगी।
साथ ही उनकी संबद्धता खत्म करने के लिए संबंधित राज्य विश्वविद्यालयों को
निर्देशित किया जाएगा। विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि उन्हीं नए
डिग्री कालेजों को मान्यता दी जाए, जिनके भवन दिव्यांगों
की सुविधा के अनुरूप बने हैं।
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016
के तहत
शैक्षिक संस्थानों में दिव्यांगों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने की कार्रवाई शुरू
हो गई है। इसके तहत प्रदेश के समस्त राज्य विश्वविद्यालयों व डिग्री कालेजों में
दिव्यांगों की सुविधा के अनुरूप शौचालय,
मूत्रलय व
रैंप बनाने का निर्देश दिया गया है। समस्त डिग्री कालेजों को अपने राज्य
विश्वविद्यालयों के जरिए हर माह की दस तारीख के अंदर रिपोर्ट उच्च शिक्षा निदेशालय
को भेजनी है। शासन ने निदेशालय में उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा समूह क सेवा के
अधिकारी डॉ. इंदू प्रकाश सिंह को उसका नोडल बनाया है।
- उच्च शिक्षा निदेशालय ने राज्य विश्वविद्यालयों से मांगी रिपोर्ट
- दिव्यांगजनों को सुविधा मुहैया कराने पर ही नए कॉलेज को मान्यता