यदि आप
दिव्यांग हैं और अपना स्वयं का रोजगार करना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है।
दिव्यांगजन विकास विभाग न केवल आपकी मदद करेगा बल्कि एनएचएफडीसी (नेशनल हैंडीकैप
फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) आपकी आर्थिक मदद भी करेगा। दिव्यांगों को
स्वरोजगार की 'बैसाखी' देने की इस योजना को
अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी जिला दिव्यांगजन अधिकारी और नोडल बैंक को दी गई है।
दिव्यांगों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए जहां दिव्यांगजन
विकास विभाग और एनएचएफडीसी की ओर से उन्हें तकनीकी प्रशिक्षण के साथ ही स्वरोजगार
में सहायता दी जाएगी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से प्रदेश के
सभी जिलों सहकारी बैंकों के माध्यम 40 फीसद से अधिक विकलांगता होने पर आर्थिक मदद का
प्रावधान किया गया है। 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले
दिव्यांग जिला दिव्यांगजन विकास अधिकारी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
इसके लिए
मिलेगी सहायता
दिव्यांगों को आर्थिक सुदृढ़ता प्रदान करने के लिए उन्हें
स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा। कागज के प्लेट बनाना, साबुन बनाना, तेल मिल व फर्नीचर का निर्माण के अलावा
सेवा क्षेत्र में दूध का बूथ, कंप्यूटर, फोटोकॉपी, टाइपिंग सेंटर, जनरल
स्टोर, मेडिकल, स्टेशनरी व रेडीमेट
गारमेंट की दुकान खोलने के साथ ही टैक्टर, डेयरी, मुर्गी फार्म व पशुचारे के लिए भी आर्थिक मदद दी जाएगी। पंजाब नेशनल बैंक,
आंध्रा बैंक, आइडीबीआइ के अलावा जिला की
सहकारी बैंक के माध्यम से दिव्यांगों को आर्थिक मदद की जाएगी। दिव्यांगों को समाज
की मुख्यधारा में लाने के लिए संघर्ष कर रहे सूरज यादव का कहना है कि बैंक
दिव्यांगों की मदद करने में पीछे रहते हैं। ऐसे दिव्यांगों के लिए मंच संघर्ष करता
है। जिला दिव्यांगजन विकास अधिकारी डॉ. अमित राय ने बताया कि दिव्यांगों को समाज
की मुख्यधारा में लाने के लिए विभाग हर संभव उनकी मदद करता हैं। कार्यालय में
पंजीकृत दिव्यांगों को बैंक के माध्यम से आर्थिक मदद दिलाई जाती है। किसी भी
प्रकार की जानकारी के लिए दिव्यांग कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।