सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में बदलाव किए हैं। इसके लिए आदेश भी जारी कर दिया गया
है। इस बदलाव के अनुसार ऑनलाइन आवेदन के बाद हार्ड कॉपी जमा करने पर आवेदन स्वीकार
है या नहीं, इसमें फैसला लेने की मियाद खत्म कर दी गई है।
पहले यह मियाद सात दिन की थी।
पहले व्यवस्था थी कि हार्ड कॉपी मिलने के बाद संबंधित ग्राम पंचायतों को स्वीकार या अस्वीकार करने का फैसला सात दिन के भीतर लेने को कहा जाता था। ग्राम पंचायतों को जिला समाज कल्याण अधिकारी को इसी मियाद में वैरिफिकेशन रिपोर्ट भेजनी होती थी। समाज कल्याण विभाग के ताजा आदेश के मुताबिक यह मियाद खत्म कर दी गई है। इसके अलावा अब व्यवस्था यह भी कर दी गई है कि शहरी क्षेत्र के आवेदक हार्ड कॉपी संबंधित उप जिला अधिकारी कार्यालय में जबकि ग्रामीण क्षेत्र के आवेदक संबंधित खंड विकास अधिकारी के कार्यालय में जमा करेंगे। वहां से ऑनलाइन रिपोर्ट समाज कल्याण अधिकारी को भेजी जाएगी, जिस उन्हें 45 दिन में फैसला लेना होगा।
पहले आवेदन करने वालों को हार्ड कॉपी जिला समाज कल्याण अधिकारी या जिला प्रोबेशन अधिकारी के कार्यालय में जमा करनी होती थी। इसके अलावा विकलांग पेंशन के लिए आवेदन करने वालों को जिला विकलांगजन विकास अधिकारी के कार्यालय में ऑनलाइन आवेदन के अधिकतम 30 दिन के भीतर ही हार्ड कॉपी भेजनी होगी। इस व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
आधार कार्ड को भी आयु प्रमाणपत्र के रूप में मान्यता
अब सरकार ने आधार कार्ड को भी आयु प्रमाणपत्र के रूप में मान्यता देने की ओर कदम बढ़ा दिया है। विधवा पेंशन के आवेदन में आधार कार्ड का इस्तेमाल आयु प्रमाणपत्र के रूप में हो सकेगा। पहले विधवा पेंशन के लिए आवेदन करने पर आवेदक को आयु संबंधी दस्तावेज के रूप में वह शैक्षिक दस्तावेज लगाना होता था, जिसमें जन्मतिथि लिखी हो। इसके अलावा आवेदक के पास परिवार रजिस्टर का भी विकल्प होता था। अब बदली व्यवस्था के मुताबिक सरकार ने तय किया है कि आधार कार्ड पर अंकित जन्मतिथि को भी आयु संबंधी दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा। माना जा रहा है कि इस फैसले से लोगों को काफी राहत होगी।